Sunday, February 26, 2017

बहराइच जिला कारागार में आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर

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नूर आलम वारसी 
बहराइच । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश श्रीमती प्रेमकला सिंह के कुशल नेतृत्व एवं मार्ग निर्देशन में जिला कारागार बहराइच में विशेष/अपर सिविल एवं सत्र न्यायाधीश (ई.सी. एक्ट) नरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेश के अनुपालन में आयोजित शिविर को सम्बोधित करते हुए विशेष/अपर सिविल एवं सत्र न्यायाधीश (ई.सी. एक्ट) नरेन्द्र कुमार सिंह ने 265(ए) से 265(एल) तक सीआरपीसी 1973 की धारा के अन्तर्गत प्ली बारगेनिंग के माध्यम से दोनों पक्षकारों के मध्य समझौता कराकर रिहा करने सम्बन्धी जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि इससे वैमनस्ता समाप्त होती है और आगे भी सभी पक्ष आराम से रह सकते हैं। श्री सिंह बन्दियों का आहवान्ह किया कि विधिक सेवा अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों का अधिकाधिक लाभ उठायें। 
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव/सिविल जज (सी.डि.) श्रीमती अर्चना रानी ने उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित विधिक सेवायें जो समस्त न्यायालयों/प्राधिकरणों/अधिकरणों/आयोग के समक्ष विचाराधीन मामलों में उपलब्ध करायी गयी विभिन्न जानकारियों के साथ-साथ प्ली बारेगेनिंग के माध्यम से भी प्राप्ति के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक अवगत कराया। उप जेलर रवीन्द्र नाथ सरोज ने ‘‘नदियाॅ चलें चलै री धारा’’ के माध्यम से बन्दियों को उपदेशात्मक गीम के माध्यम से सुधारात्मक उपदेश देकर नागरूक किया गया। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य प्रकाश नरायन सिन्हा ने बन्दियों को प्ली बारगेनिंग विषय पर विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए आहवान्ह किया कि इस सुविधा का अधिकाधिक लाभ उठायें। 
शिविर का संचालन करते हुए शिक्षक रईस अहमद सिद्दीकी ने बन्दियों को जानकारी दी कि दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 265(ए) वह व्यवस्था है जिसमें सज़ा कम हो सकती है। अभियुक्त द्वारा अपने ऐसे अपराध को स्वीकार कर लेता है जिसमें अधिकतम सज़ा 07 वर्ष से अधिक नहीं है तो ऐसी स्थिति में अभियुक्त प्ली बारगेनिंग सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकता है। उनहोंने बताया कि प्ली बारगेनिंग एक समझौता है जिसके अन्तर्गत अभियुक्त कम सज्त्रा के बदले अपने द्वारा किये गये अपराध को स्वीकार करके और पीड़ित व्यक्ति को हुई हानि और मुकदमा के न हुए व्यय की क्षतिपूर्ति करके कठोर सज़ा से बच सकता है। कार्यक्रम के दौरान लोक गायक बनवारी लाल कश्यप ने बेटी बचाव बेटी पढ़ाव, महिला सशक्तिकरण, लोक अदालत, पर्यावरण, स्वास्थ्य सेवाओं सम्बन्धी प्रेरक लोकगीत प्रस्तुत किये गये। 
कार्यक्रम के अन्त में जेल अधीक्षक ललित मोहन पाण्डेय ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए जेल मैनुअल, नामिनल रोल आदि की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर अपर सिविल जज (अवर खण्ड) कु. रूमा, जेलर सुरेश कुमार सिंह, जिला समन्वयक माध्यमिक शिक्षा लाल चन्द्र सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे। 

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